Friday, 8 December 2017

सर्दियों में रखे अपनी कार फिट, अपनाएं एक्सपर्ट के दिए गए ये टिप्स

सर्दियों में रखे अपनी कार फिट, अपनाएं एक्सपर्ट के दिए गए ये टिप्स

"How to save your car from winter season"


ठंड के मौसम में गाड़ियों में तमाम तरह की दिक्कतें आने लगती हैं जो कि उसके परफार्मेंस पर असर डालती हैं। इन दिक्कतों में गाड़ियों का मुश्किल से स्टार्ट होना, स्टार्ट होने के बाद पिकअप में समय लेना, हॉर्न का न बजना और लाइट्स डिम हो जाना प्रमुख होता है। हालांकि आप कुछ सावधानियां और टिप्स को फॉलो कर इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं। आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।



ऑटो एक्सपर्ट मानते हैं कि सर्दियों में कार की फुल सर्विस, बैटरी, लाइटिंग, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, कूलेंट और टायर्स का विशेष ख्याल रखना चाहिए।ऑटो एक्सपर्ट ने कुछ टिप्स सुझाए हैं जिनकी मदद से आप भी सर्दियों में अपनी कार को बिलकुल फिट रख सकते हैं। हम इन्हीं टिप्स को आपको बताने जा रहे हैं। 


1. बैटरी का रखें विशेष ख्याल:-
बैटरी को कार का अहम हिस्सा माना जाता है क्योंकि कार की बैटरी ही गाड़ी को स्टार्ट करती है, अगर बैटरी 3 साल से ज्यादा पुरानी हो गई हो, तो उसे बदल लें या फिर मैकेनिक से चेक करवा लें। इसके अलावा अगर कार की लाइट्स डिम हो गईं हो या फिर हॉर्न बजाते समय आवाज ठीक तरह से नहीं आ रही है तो इसका मतलब है कि बैटरी खराब होना शुरू हो गई है। ऐसे में आप खुद भी बैटरी चेक कर सकते हैं और अगर बैटरी के टर्मिनल पर सफेद-पीला पाउडर जमा हो रहा है तो उसे गर्म पानी के साथ हार्ड ब्रश से साफ कर लें।



2. कार की सर्विस कराना है सबसे जरूरी:- सर्दियों में लोग सुबह-सुबह गाड़ी स्टार्ट न होने की वजह से परेशान हो जाते हैं। इस मौसम में सबसे ज्यादा उन गाड़ियों को दिक्कतें आती हैं जिनकी सर्विस ठीक से या फिर समय पर नहीं करवाई जाती है। इसलिए अगर सर्दियों में कहीं लंबी दूरी की यात्रा करने जा रहे हैं तो कार की सर्विस जरूर करवाएं। कार की सर्विस इसलिए जरूरी है कि इंजन में डलने वाले इंजन ऑयल की क्वालिटी बिलकुल ठीक होनी चाहिए क्योंकि अगर ऑयल ल्युब्रीकेशन नहीं देगा तो इसमें इंजन के खराब होने के मौके ज्यादा होते हैं। इस मौसम में कार और बाइक दोनों के लिए इनकी सर्विस होना बेहतर जरूरी है।



3. कूलेंट को समय-समय पर चेक करते रहें:- गर्मियों के अलावा सर्दियों के समय में भी कार में कूलेंट का होना बेहद जरूरी है। कूलेंट को एंटीफ्रिज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ठंडे तापमान में यह आपके इंजन को फ्रीज होने से बचाता है। कूलेंट का काम सिर्फ यह नहीं होता कि वह गर्म इंजन को ठंडा करता है बल्कि यह इंजन को नॉर्मल तापमान में रखता है। इसलिए मौसम चाहे कोई भी हो कार में कूलेंट हमेशा टॉप-अप रहना चाहिए।



4. इलेक्ट्रिकल सिस्टम भी करते रहें चेक:- सर्दियों के मौसम में कार का इलेक्ट्रिकल सिस्टम जैसे स्पार्क प्लग, लाइटिंग और वायरिंग की ठीक से जांच करवा लेनी चाहिए क्योंकि कार स्टार्ट ना होने का एक कारण स्पार्क प्लग भी होता है। स्पार्क प्लग टर्मिनल, इंसुलेटर, रिब्स, सील्स और सेंट्रल इलेक्ट्रॉट से बना होता है जिसकी मदद से यह लंबे समय तक इंजन को चालू रखने में मदद करता है। वहीं, सर्दियों में ड्राइविंग के दौरान लाइटिंग भी बेहद जरूरी होती है क्योंकि सूरज दिन के समय जल्दी ढल जाता है और कार की हेडलाइट्स और फॉग लाइट्स दोनों की लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल की जाती हैं। इसलिए लाइट्स का भी बेहद ख्याल रखें और खराब होने पर इनकी वायरिंग की जांच करवाएं या फिर इन्हें तुरंत बदलवा लें।



5. टायर्स की देखभाल भी जरूरी:-
सर्दियां हो या गर्मियां, टायर्स का हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए। सर्दियों के समय में टायरों में हवा का प्रेशर ठीक होना चाहिए क्योंकि ठंडे मौसम में नमी की वजह से सड़कें गीली रहती हैं गीली सड़कों पर गाड़ी के फिसलने का डर ज्यादा रहता है। इसलिए सर्दियों में लंबी दूरी की यात्रा करते समय टायर्स की जांच करवा लेनी चाहिए, उनके अंदर के ट्रेक को चेक करवा लेना चाहिए। अगर टायर घिस गए हों तो उन्हें बदलवा लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि शहर में तो मैकेनिक आसानी से मिल जाएंगे, लेकिन लंबी दूरी की यात्रा के दौरान अगर आप किसी ऐसी जगह फंस जाएं जो एक ग्रामीण इलाका हो तो वहां आपको मदद मिलना थोड़ा मुश्किल होता है।




Sunday, 26 November 2017

कार खरीदनें से पहले जरूर चेक करें ये 5 फीचर्स ।।

"कार खरीदनें से पहले जरूर चेक करें ये  5 फीचर्स "

"Check these 5  features before buy a Car"

दोस्तों अगर आप कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यहां हम आपके लिए कुछ ऐसे फीचर्स के बारे में बता रहे हैं जो आपको कार खरीदने से पहले जरूर जान लेनी चाहिए  जो आपकी कार में अगर होंगे तो आपकी कार न केवल स्मार्ट होगी बल्कि आपको ड्राइव करते समय कोई असुविधा भी नहीं होने देगी। आइये जानते हैं इन फीचर्स के बारे में।


1.एयरबैग:- हर कार में सुरक्षा बहुत जरूरी होती है, और अगले साल अप्रैल से सरकार नई कारों के लिए नए सुरक्षा नॉर्म्स लागू करने जा रही है जिसमें कारों में सुरक्षा के फीचर्स जरूरी होंगे। लेकिन अगर आप अभी कोई कार खरीदने जा रहे हैं तो एयरबैग और एयरबैग जैसे सेफ्टी फीचर को जरूर चेक कर लें। ए वी एस भी इन्हीं फीचर्स में से एक है  ए वी एस तेज़ रफ्तार में इमरजेंसी ब्रेकिंग के दौरान कार को आपके कंट्रोल में रखता है और उसे फिसलने नहीं देता है।इससे हादसा होने की संभावना कम हो जाती हैं। वहीं पर एयरबैग गंभीर हादसों की स्थिति में ड्राइवर और पैसेंजर को जानलेवा चोट से बचाता है।





2.सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम:- सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम भी एक तरह का सेफ्टी फीचर है, जो आपकी मेहनत की कमाई से खरीदी गई कार को चोरी या छेड़छाड़ की आशंकाओं से बचाता है। सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम कार चोरी होने की संभावना को काफी कम कर देता है। यह ड्राइविंग के दौरान यह सिस्टम चारों दरवाजों को लॉक भी कर देता है। जिससे ड्राइविंग के दौरान आपकी सुरक्षा कायम रहती है। तो आगे जब भी कार खरीदें तो ये फीचर जरूर चेक क्र लें। 



3.रियर पार्किंग सेंसर कैमरे के साथ :- भीड़भाड़ या छोटी जगहों पर कार पार्किंग एक बड़ी समस्या है। ऐसे में रियर पार्किंग सेंसर या फिर कैमरा आपके लिए पार्किंग में मदद कर सकता है। यह फीचर आपको कार पार्क करते समय कार के पीछे की स्थिति के बारे में बताता रहता है।जब कोई चीज या कोई जीवित प्राणी  कार के नजदीक आ जाता है तो यह वार्निंग देकर आपको सतर्क कर देता है। इस प्रकार रियर पार्किंग सेंसर/कैमरा की मदद से आप कार को बिना किसी तनाव के आसानी से पार्किंग में लगा सकते हैं।





4. पावर विंडो  &पावर स्टीयरिंग :- आज के दौरा में पावर विंडो कॉमन फीचर हो गया है। ज्यादातर कारों में आगे की विंडो के लिए यह फीचर स्टैंडर्ड तौर पर मिलने लगा है। सिर्फ आराम ही नहीं बल्कि कार और पैसेंजर की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अहम फीचर है। कोशिश करें कि आपकी कार में आगे और पीछे दोनों तरफ पावर विंडो की सुविधा आपको मिल जाए। वैसे बाहर से भी आप पावर विंडो सिस्टम लगवा सकते हैं। और उसी तरह पावर स्टीयरिंग भी आपको गाड़ी को आसानी से मोड़ने में मदद करता है। तो आप पावर स्टेयरिंग को भी लगवा सकते है। 


5.ब्लूटूथ वाला इंफोटेंमेंट सिस्टम :- एक कार म्यूजिक सिस्टम बेहद जरूरी होता है, आज कल तो लगभग हर कार के साथ स्टीरियो सिस्टम के साथ ब्लूटूथ, ऑक्स और यूएसबी कनेक्टिविटी फंक्शन जैसे फीचर्स आने लगे हैं। म्यूजिक सिस्टम सिर्फ गानें सुनने तक ही सिमित नहीं रह गया है बल्कि यह अब इंफोटेंमेंट सिस्टम में बदल चुका है क्योकिं इसमें कार के दूसरे फंक्शनों की जानकारी के अलावा फोन को कनेक्ट करने की सुविधा भी मिलती है साथ ही । तो इसलिए आप कोशिश करे जब भी इंफोटेनमेंट सिस्टम चुनें तो स्मार्ट इंफोटेनमेंट सिस्टम ही चुनें। 




Saturday, 28 October 2017

व्हाट्सएप्प लाया नया फीचर गलती से सेंड हुए मैसेज, फोटो, वीडियो डीलिट करने की सुविधा

वाट्स एप यूं तो सिंपल मैसेज सर्विस के विकल्प के रूप में शुरू हुआ था और इसने मोबाइल सर्विस प्रदाता कंपनियों की मैसेज सेवा को लगभग खत्म भी कर दिया लेकिन कुछ नए फीचर्स आ जाने के बाद अब वाट्स एप मैसेज सेवा से कुछ ज्यादा हो गया है। लगभग हर यूजर को यह जरूरत महसूस हो रही थी कि वो गलती से सेंड हो गए फोटो, वीडियो या मैसेज को डीलिट कर सके। कई वाट्स एप ग्रुपों में इस तरह की घटनाएं पुलिस तक पहुंच जातीं है। बड़े विवाद शुरू हो जाते है। अत: इसी समस्या का समधान खोज लिया है।



इसे ‘डीलिट फॉर एवरीवन’ नाम से जाता है। वाबीटाइन्फो नाम की एक वेबसाइट के अनुसार वाट्स एप ने आईओएस, एन्ड्रायड और विन्डो फोन में इस फीचर से जुड़ा अपडेट मिलना शुरू हो गया है। इस सुविधा के पूरी तरह से आने में थोड़ा समय लग सकता है। इसके लिए संदेश भेजने और प्राप्त करने वाले दोनों के पास इस फीचर अपडेट वाला वट्स एप होना चाहिए। 


इसमें केवल संदेश ही नहीं जिफ, इमेज, वॉयस मैसेज, लोकेशन, स्टीकर्स और कॉन्टैक्ट मैसेज को भी वापिस लिया जा सकता है। ब्रॉडकॉस्ट लिस्ट को भेजे गए संदेश और जिन संदेशों को भेजे 7 मिनट से ज्यादा हो गया है, उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता।

ऐसे करें व्हाट्सऐप का रीकॉल फीचर इस्तेमाल

सबसे पहले अपने व्हाट्सऐप ऐप को अपडेट करें। इसके बाद टेस्टिंग के लिए अपने किसी फ्रेंड को एक मैसेज भेजें और फिर उसे डिलीट कर दें। हालांकि मैसेज डिलीट करते समय आपको 3 ऑप्श मिलेंगे।

1. DELETE FOR ME. 
2. CANCEL. 
3. DELETE FOR EVERYONE ।

डिलीट फॉर मी पर क्लिक करने पर आपके ऐप से मैसेज डिलीट होगा लेकिन आपके दोस्त के ऐप से नहीं, ‘Delete for Everyone’ पर क्लिक करने पर आपके और दोस्त के दोनों ऐप से मैसेज डिलीट हो जाएगा। मैसेज डिलीट होने के बाद This message was deleted for everyone दिखेगा।


अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।आप अगली पोस्ट किस चीज पर जानना चाहते है हमे कमेंट कर के बताइये।


Tuesday, 10 October 2017

क्या हुआ जब 10 रूपये के सिक्के आये ट्रेन के नीचे !! देखें वीडियो


क्या हुआ जब "10 रूपये के सिक्के" आये ट्रेन के नीचे !! देखें वीडियो।

what happen when "10 ruppies coin" comes under the train see video.

इनाम जीतने के लिए पोस्ट को नीचे तक पढ़िये

 

हम सभी ट्रेन से सफर करते है। या फिर हम सबने ट्रेन को करीब से तो देखा ही होगा। कई बार ट्रैन को देख कर हम सबके दिल में कुछ ना कुछ अजीब ख्याल जरूर आते है। हम सब ने बचपन में ये जरूर सुना होगा के अगर हम ट्रैन की पटरी पर कोई लोहे की चीज रखते है और उसके ऊपर से ट्रैन गुजर जाये तो वो लोहे की चीज चुम्बक में बदल जाएगी। तो इसी तथय को जानने के लिए हमने 10 रूपये के कुछ सिक्को को आपस में चिपका के हमने ट्रैन की पटरी पर रख के देखा और उसके ऊपर से ट्रैन के गुजर के जाने का इंतज़ार किया। फिर जो परिणाम सामने आया उसको जानने के लिए वीडियो देखें।



  



     
                           

आवश्यक सूचना:-  दोस्तों हमारे वेबसाइट को एडसेंसे का अप्रूवल मिलने की खुशी में हम अपने रीडर्स को उपहार दे रहे है। उपहार पाने के लिए आपको हमारे कॉन्टेस्ट में भाग लेना होगा। कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए आपको हमारा फेसबुक पेज लाइक करना होगा और उसे शेयर करना होगा। तीन भाग्यशाली विजेताओं को हम 10 $ यानि 600+ रूपये मिलेंगे।   विजेताओं का नाम घोषित फेसबुक पेज पर 1000 लाइक्स होने पर  किया जायेगा ।

फेसबुक पेज यहां लाइक करे (FACEBOOK PAGE LIKE HERE)
https://www.facebook.com/Mechanical-world-166813323887178/


अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।आप अगली पोस्ट किस चीज पर जानना चाहते है हमे कमेंट कर के बताइये।

Monday, 9 October 2017

सड़क किनारे लगे मील के पत्थरों के रंगों का मतलब क्या होता हैं? (What is the meaning of diffrent colour "MILES STONES"" )



सड़क किनारे लगे मील के पत्थरों के रंगों का मतलब क्या होता हैं



What is the meaning of diffrent colour "MILES STONES" along side roads"


हम सभी घर के बाहर डेस्टिनेशन या टूर पर निकलते है, तो हमे रास्ता दिखाने का काम कोई अगर करता है तो वो होते है सड़क के किनारे लगे साइन बोर्ड और मिले के पत्थर।ये मील के पत्थर हमे हमारी मंजिल के पते के साथ ही ये भी बताते है कि हमारी मंजिल कितनी दूर है। लेकिन आपको आपकी मंजिल पर ले जाने वाले पथरो पर शायद ही आपने कभी गौर किया होगा। कोई मील का पत्थर पीले रंग का होता है तो कोई हरा तो कोई काला तो कोई लाल लेकिन इन पथरो का रंग अलग अलग क्यों होता है?  दरअसल इन पथरो के रंग के पीछे सबकी अपनी एक पहचान होती है। अब अगर आप सफर पर निकलेंगे तो आप इन पत्थरो पर गौर करेंगे और आपको करना भी चाहिये क्योकि ये पत्थर सिर्फ आपको आपकी दुरी ही नहीं बताते बल्कि इनके रंग आपको सड़को की खास पहचान भी करवाते है ।



तो आइये जानते है

"मील के पत्थरों के रंगों का मतलब "


meaning of diffrent colour "MILES STONES"

नारंगी पत्थर :- अगर आप सफर कर रहे है और रास्ता भटक जाये जाना आपको शहर हो  लेकिन आप जान नहीं पा रहे हो कि आप किस तरफ जा रहे है तो आप सड़क के किनारे लगे इन पत्थरो पर नजर डालिये और आपको नारंगी रंग का पत्थर दिखाई दे तो आप समझिये के आप किसी गाँव की और बढ़ रहे है क्यों की  इस रंग के पत्थर सिर्फ ग्रामीण सड़क पर होते है और इसका मतलब ये है के आप प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बानी सड़क  कर रहे हो जो आपको गाँव तक ले जाएगी। 

  

हरा पत्थर :- अगर आपको हरे रंग का पत्थर दिखाई देता है तो आप जान सकते है के आप किसी स्टेट हाईवे से सफर कर रहे है। जो एक राज्य को दूसरे राज्य से जोड़ती है। इस सड़क का निर्माण राज्य सरकार  करती है। इस सड़क के रख रखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। 

  




पीला पत्थर :- अगर आपको पीले रंग का पत्थर दिखाई देता है तो आप जान सकते है के आप किसी राष्ट्रीय राज मार्ग से सफर कर रहे है। ये पत्थर केंद्र सरकार के द्वारा बनाई गई सड़को पर होते है। इस सड़क का निर्माण  केंद्र सरकार करती है। इस सड़क के रख रखाव की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। 

  

काले पत्थर :- काले रंग के पत्थर आपको बड़े शहरो में ही देखने को मिलते है। दिल्ली, मुंबई, गुड़गाव, फरीदाबाद, नॉएडा, आदि शहर इनमे शामिल है। इस रंग के पत्थर ये बताते है कि आप किसी बड़े शहर की ओर बड़ रहे है। इस रंग की सड़के शहर के प्रशासन के अंदर आती है। नगर निगम या जिला प्रशासन इन सड़को का निर्माण करता है। कई जगह पर सफ़ेद रंग के पत्थर भी होते है इन सफ़ेद रंग के पत्थरो का मतलब भी यही होता है जो काले रंग के पत्थरो का मतलब होता है। अगर ये सड़के ख़राब होती है तो आप इसकी शिकायत नगर निगम में कर सकते है। 

  



  


आवश्यक सूचना:-  दोस्तों हमारे वेबसाइट को एडसेंसे का अप्रूवल मिलने की खुशी में हम अपने रीडर्स को उपहार दे रहे है। उपहार पाने के लिए आपको हमारे कॉन्टेस्ट में भाग लेना होगा। कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए आपको हमारा फेसबुक पेज लाइक करना होगा और उसे शेयर करना होगा। तीन भाग्यशाली विजेताओं को हम 10 $ यानि 600+ रूपये मिलेंगे।   विजेताओं का नाम घोषित फेसबुक पेज पर 1000 लाइक्स होने पर  किया जायेगा ।

फेसबुक पेज यहां लाइक करे (FACEBOOK PAGE LIKE HERE)
https://www.facebook.com/Mechanical-world-166813323887178/


अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।आप अगली पोस्ट किस चीज पर जानना चाहते है हमे कमेंट कर के बताइये।


Saturday, 7 October 2017

भारत में मोबाइल नंबर 10 डिजिट्स के क्यों होते है? 8 या 9 क्यों नहीं !! ("Check out why mobile numbers in INDIA have 10 DIGITS !! WHY NOT 8 OR 9") !!

हमारे पास 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर क्यों हैं? शायद यह हम में से सबसे ज्यादातर लोग वास्तव में इसके बारे में सोचते होंगे। लेकिन इसके पीछे इसका बहुत ही अच्छा तर्क है।




तर्क: मोबाइल फोन नंबर में अंकों की संख्या, देश कोड को डायल किए बिना अधिकतम मोबाइल फोन तय कर सकती है। 91 (भारत के लिए) इसे समझने के लिए हमें स्कूल में वापस जाना होगा। क्रमपरिवर्तन और संयोजन याद रखें मान लीजिए मेरे पास जींस (जे 1-2) और चार टी-शर्ट (टी 1-4) । संभव संयोजन हैं: जे 1 टी 1, जे 1 टी 2, जे 1 टी 3, जे 1 टी 4, जे 2 टी 1, जे 2 टी 2, जे 2 टी 3, और जे 2 टी 4, अर्थात् 8 संयोजन (2 जीन्स की संख्या) x (4 टी-शर्ट की संख्या)}।

एक मोबाइल फोन नंबर में या किसी भी संख्या वाली चीज जैसे कि वाहन, भूमि-रेखा टेलीफोन नंबर आदि के लिए अंकों की गणना करते समय एक ही तर्क का उपयोग किया जाता है। अब मानिए कि अगर हमारे पास 6 अंक का फोन नंबर होता , तो अधिकतम संख्या संभवतः फ़ोन संख्या (10 x 10 x 10 x 10 x 10 x 10) होनी चाहिए, यानी अधिकतम 1,000,000 सदस्य लेकिन हमने पहले ही भारत में 100 मिलियन अंक पार कर लिए हैं। इसलिए जाहिर है कि हमारे पास 6 अंकों के सेल फोन नंबर नहीं हो सकते । यहां तक ​​कि 7 अंकों का भी नहीं, क्योंकि इसकी वजह से 10 मिलियन की क्षमता होती है, 8 अंकों से 100 मिलियन उपभोक्ताओं की , 9 अंकों से 1000 मिलियन यानी  100 करोड़, लेकिन हमारी आबादी करीब 125 करोड़ है और इसके बाद भी हमारी आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ रही  है।


एक 10 अंकों का सेल फ़ोन नंबर हमें 10 अरब (1000 करोड़) के ग्राहकों की क्षमता प्रदान करता है, जो कि हमारे देश के लिए काफी रह सकता है। हम जनसंख्या में 1000 करोड़ ग्राहक तक पहुंचेंगे ये संभावना नहीं हैं लेकिन हमारे पास 100 करोड़ ग्राहकों से अधिक होंगे  इसकी एक रिमोट संभावना है। इसलिए, एक 10 अंकों वाला मोबाइल फोन नंबर भारत में इस्तेमाल किया जाता है।

  
आवश्यक सूचना:-  दोस्तों हमारे वेबसाइट को एडसेंसे का अप्रूवल मिलने की खुशी में हम अपने रीडर्स को उपहार दे रहे है। उपहार पाने के लिए आपको हमारे कॉन्टेस्ट में भाग लेना होगा। कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए आपको हमारा फेसबुक पेज लाइक करना होगा और उसे शेयर करना होगा। तीन भाग्यशाली विजेताओं को हम 10 $ यानि 600+ रूपये मिलेंगे।   विजेताओं का नाम घोषित फेसबुक पेज पर 1000 लाइक्स होने पर  किया जायेगा ।

फेसबुक पेज यहां लिखे करे (FACEBOOK PAGE LIKE HERE)
https://www.facebook.com/Mechanical-world-166813323887178/


अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।आप अगली पोस्ट किस चीज पर जानना चाहते है हमे कमेंट कर के बताइये।



Sunday, 1 October 2017

पुरानी बाइक खरीदने से पहले 9 बातें जरूर जानने !! ("9 Things to know before buying a used BIKE") !!


"पुरानी बाइक खरीदने से पहले 9 बातें जरूर जानने" 



"9 Things to know before buying a used BIKE"

हर कोई नौकरी में एक नई मोटरसाइकिल खरीदने का जोखिम नहीं ले सकता है। वो बच्चे ,जो अभी अपने उच्च विद्यालय में परिष्कृत कॉलेज में प्रवेश कर चुकै है उन्हें नवसिखुआ के आधार पर लिया जाता है, वो भी हमेशा नई बाइक के इस्तेमाल के लिए बेहतर नहीं है । इसलिये लोग अपनी पहली बाइक पुरानी  खरीदना पसंद कते है। आज हम आपको पुरानी बाइक खरीदते समय कुछ ध्यान रखने वाली जरूरी बाते बता रहै है।

  

"9 बातें जरूर जानने"

"9 Things to know"

1.) वाहन के पेपर्स की जांच करें:- बाइक के पेपर्स की जाॅंच करनी चाहिये। जो बाइक को विशिष्ट बनाता है।इन   पेपर्स में एक पंजीकरण प्रमाण पत्र होता है और एक बीमा पत्र होता हैं और इस बीमा पत्र की वैधता की  समाप्ति नहीं होनी चाहिये , जो 1970 की धारा को बताता है, कि खरीदारों की जान जोखिम के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि पंजीकरण प्रमाण पत्र में सही इंजन और चेसिस नंबर शामिल है चूंकि यह सुनिश्चित करता है कि बाइक गैरकानूनी मुद्दों में शामिल नहीं है।

  

2.) बीमा एजेंसी को कॉल करें:- सुनिश्चित करें उस बाइक को छोटी शिकायतो की सहायता के लिये भी पंजीकृत किया गया है, जो आप के साथ तुरन्त मदद को तैयार हैं, और सुनिश्चित करें कि कोई बड़ा दावे / दुर्घटना मालिक के नाम पर या पंजीकरण संख्या में पंजीकृत ना हो। नहीं तो बाइक खरीदने के बाद उसकी जिम्मेदारी आपकी होगी।


3.) संशोधित/मोडिफाइड मोटरसाइकिल से बचें, जैसा कि भारत में संशोधन/ मोडिफाइड बाइक का उपयोग कानूनी रूप से साफ ​​नहीं है। इसके अलावा मोटरसाइकिल को संशोधित करना भी एक दुर्व्यवहार मोटरसाइकिल का एक संकेत हो सकता है जो उसके मूल राज्य से संशोधित किया गया था। जिसका कुछ दुरुपयोग करने के लिये किया गया हो सकता है। इसके अलावा संशोधित मोटरसाइकिल एक कॉप / आरटीओ प्राधिकरण की नजरो में भी रहते है।




4.) बाइक की जाचं:-  फ्रेम, कांटे, इंजन कैशिंग और ईंधन टैंक; इंजन के अलावा किसी भी मोटरसाइकिल में स्थित सबसे महंगे हिस्से होते हैं। उपरोक्त बातों का एक विस्तृत निरीक्षण आप रखरखाव के मामले में बहुत सारे पैसे को बचाएगा।सभी हिस्सो की अच्छी तरह जाॅंच कर ले सुनिश्चित करें कि कोई भी भाग खराब ना हो।


6.) टेस्ट ड्राइव:- अगर बाइक के संबंध में सबकुछ ठीक नही होता है, तो मालिक को कम करने के लिए अनुरोध करें और उसी का निरीक्षण करें। यदि ठीक है, तो मालिक से छोटे टेस्ट ड्राइव और पीएलएस के लिए पूछें। अगर उसे लगता है कि आप उससे पूरे अजनबी है तो उसे मनाने के लिए आपको विनम्र होना चाहिए।

   Image result for bike test drive

7.) मालिक से बात :- सवारी के परीक्षण के दौरान यदि कुछ गलत हो जाता है या यदि आपको लगता है कि   कुछ गलत है, तो कृपया इस बारे में मालिक से पूछने के लिए स्वतंत्र महसूस करें मालिक द्वारा दिए गए उत्तर के साथ, विक्रेता के इरादे का स्पष्ट रूप से न्याय किया जा सकता है या तो यह वैध बिक्री होनी चाहिए ।


8.) मोलभाव करे :- अंतिम चरण मे मोलभाव भी मालिक से बातचीत का ही भाग है, यह सुनिश्चित करें कि वाहन की जो कीमत मालिक ने बताइ है वो उस के काविल है भी या नहीं। मालिक से कीमत कम करने के लिये बोलिये।यह कीमत बाइक की स्थिती के आधार पर तय की  जा सकती है।


    Image result for bargaining

9. मोलभाव के समय रखें ध्यान:-  सुनिश्चित करें कि आप अपने सौदे की पेशकश करने से पहले विनिर्माण के वर्ष के संबंध में स्थानीय बाजार मूल्य की जांच करें। ऑफ़र में बहुत ही विनम्र रहें और कृपया जितना संभव हो उतना  मालिकों की बातो मे ना आए । मालिक अपनी मशीनों को बेचना चाहते हैं क्योंकि पैसे को कमाना उनका मकसद होता  है। वे आपको वाहन अधिक कीमत पर बेच सकते हैं।




अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।आप अगली पोस्ट किस चीज पर जानना चाहते है हमे कमेंट कर के बताइये।

Friday, 29 September 2017

अपनी मोटरसाइकिल को धोने के लिए 10 टिप्स ("Top 10 tips for washing your motorcycle")


"अपनी मोटरसाइकिल को धोने के लिए 10 टिप्स"

"Top 10 tips for washing your motorcycle"


अपनी मोटरसाइकिल धोने से आपकी सवारी बहुत अच्छी लगती है। यदि आप अपनी बाइक को नियमित रूप से और सही तरीके से नहीं धोते हैं, तो इससे आपकी बाइक दिखने मे गंदी लगेगी और उसके भागों को नुकसान भी पहुंचेगा। इसलिये अापको अपनी गंदी मोटरसाइकिल को समय समय पर धोना चाहिये, हालांकि, इसको धोने मे  पानी, स्पंज और डिटर्जेंट जैसी कुछ बुनियादी चीजो के अलावा किसी और चीज की आवश्यकता नहीं होती है। पॉलिश को पहियों और किसी भी भाग पर लगाना सफाई को खत्म करने से पहले, आपकी बाइक को नई जैसी लुक दे सकता है। हम आपको आज मोटरसाइकिल धोने की कुछ टिप्स  दे रहे है।

  Image result for 10 tips for washing a bike

मोटरसाइकिल धोने की प्रक्रिया को तीन चरणो मे बाटा गया है।

  1. अपने मोटर साइकिल को धोने से पूर्व सफाई।
  2. अपने मोटर साइकिल की शारीरिक धुलाई।
  3. अपने मोटर साइकिल को अतिरिक्त चमकाना।
अपने मोटर साइकिल को धोने से पूर्व सफाई

"Pre-Cleaning Your Motorcycle"


अपनी बाइक को ठण्डा  होने दे :-  एक गर्म इंजन में पानी का छिड़काव, मोटरसाइकिल को नुकसान पहुचा सकता है, तापमान में अचानक परिवर्तन इंजन को ब्लॉक कर सकता है। यहां तक ​​कि अगर अापकी मोटर साइकिल कीचड़ में घसीट गयी हो, तो धोने से पहले इसे ठण्डा होने दे।

अपने सफाई गियर को एक साथ इकठठा करे।:-जब आप अपने मोटरसाइकिल को ठंडा करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो आप को साफ करने की सभी आवश्यक सामग्री आपके स्थान पर इकट्ठा कर लेनी चाहिये जैसै किंं
  • एक बाल्टी
  • एक साफ स्पंज या दो 
  • कई साफ, सूखे कपड़े (सीमोआई या माइक्रोफैबर) 
  • Degreaser और / या WD-40 
  • एक पुराने टूथब्रश (साफ तंग जगहों को साफ करने में मदद करने के लिए) 
  • ऑटो / मोटरसाइकिल मोम (वैकल्पिक) 
  • बग और तार हटानेवाला (यदि आवश्यक हो)
  • क्रोम क्लीनर (यदि आवश्यक हो)

चेन को साफ करके बाइक धोना प्रारंभ करें:- यदि आपकी मोटरसाइकिल में एक चेन है, तो गंदगी साफ करना और इससे पहले ग्रीस साफ करना एक स्मार्ट कदम होता है।इससे जब आप बाइक को साफ करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो यह आपके बाइक के सभी हिस्सों में छिड़कने से बच जाता है। मलबे को ढीला करने के लिए चेन पर स्प्रे करें, फिर इसे एक साफ कपड़े से साफ कर दें।

  Image result for pre cleaning of motorcycle


अपने मोटर साइकिल की शारीरिक धुलाई।

Washing the Body

ठण्डे पानी के साथ धोयें:-यह किसी भी गंदगी को ढीला करने में मदद करेगा और जितना संभव हो उतनी देर तक करने से, सफाई प्रक्रिया को आसान बना देगा। एक नली से पानी की कोमल धारा का उपयोग करना चाहिये  उच्च दबाव स्प्रे , पेंट या अन्य सामग्रियों को नुकसान पहुंचा सकता है।

एक नरम स्पंज या कपड़ा के साथ पूरी बाॅडी को रगड़ें:- ठंडे पानी की एक बाल्टी में एक स्पंज या मुलायम कपड़े को डुबो के अपनी मोटर साइकिल के शरीर के ऊपर इसे रगडें। यदि आप अपनी बाइक से नमक को दूर करने के लिए सफाई कर रहे हैं तो  (जैसे कि सर्दियों के रास्ते पर सवार होने के बाद), बस केवल पानी का उपयोग करें। डिटर्जेंट या अन्य क्लीनर का उपयोग करना नमक की समस्या को भी बदतर बना सकता है।

  Related image

प्लास्टिक के हिस्सों को साबुन वाले पानी से साफ करें:-यदि आपकी मोटर साइकिल की बाॅडी पर प्लास्टिक के हिस्से हैं, तो अनुमोदित ऑटो डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना ठीक है। ठंडे पानी की एक बाल्टी में कुछ डिटर्जेंट घोल लें, और उसमें  स्पंज डूबा के मोटर साइकिल की बाॅडी के  प्लास्टिक के भागों को पोंछ दें।

पूरी मोटरसाइकिल को फिर से धोयें:-
जब आप अपनी बाइक से सभी गंदगी और जमी हुई मल को गीला कर देते हैं, तो फिर अपने पाइप की मदद से पानी की धार मारकर दुबारा धोना चाहियें।अगर पाइप नही है तो स्पंज को डुबा कर साफ कर सकते है।

अतिरिक्त पानी को हटा दें और अपनी बाइक को सूखा ले:- एक सूखा सूती या माइक्रोफाइबर कपड़ा लें और धीरे-धीरे अपनी मोटरसाइकिल को रगड़ें। यह उस पर छोड़े गए पानी को दूर कर देगा, ताकि आपकी बाइक एयर-ड्रिंक्स के रूप में कोई भी पानी के धब्बे न बने । सीधे सूरज की रोशनी में अपनी मोटर साइकिल को सूखने न दें, क्योंकि इससे पानी के धब्बे भी हो सकते हैं।

  

अपने मोटर साइकिल को अतिरिक्त चमकाना।

Detailing Your Ride



जिद्दी बडे छोटे कीडो को निकालें :-कोई भी बाइकर जानता है कि अच्छी सवारी आपकी मोटरसाइकिल को छोड़ सकती है क्योंकि मक्खियों के झुंड के खिलाफ आप युद्ध लड़ रहे थे। यदि आपकी मोटरसाइकिल बग बूम में पड़ी हुई है, तो इसे बग और तार हटानेवाला के साथ उदारतापूर्वक सूखे कीडे ढीला होने के बाद, इसे साफ़ करने के लिए एक नरम स्पंज या कपड़ा का उपयोग करें, और किसी भी शेष अवशेष को हटाने के लिए एक अन्य तार का उपयोग करें।

साबुन के पानी के साथ एल्यूमीनियम पहियों को साफ करें:-कई आधुनिक बाइकों में हल्के एल्यूमीनियम के पहियों  होते हैं यदि आप साफ करना चाहते हैं, तो केवल साबुन का पानी और एक मुलायम कपड़े का उपयोग करें। पानी से धोयें और एक सूखे कपड़े से पोंछें।

Image result for detailing of bike

अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कार या मोटरसाइकिल वैक्स का उपयोग करें:-एक गुणवत्ता वाले वैक्स आपकी बाइक की रक्षा कर सकते हैं और जमी हुई गंदगी को दूर रख सकते हैं। अपनी बाइक के पूरी तरह से साफ होने के बाद इसे लगाये और अपने वैक्स पर छपे निर्देशों का पालन करें। प्रत्येक उत्पाद में थोड़े अलग अलग निर्देश होंगे।

अपने बीयरिंग पर संरक्षक स्प्रे छिडकें:-
बीयरिंग मोटर साइकिल के सबसे महत्वपूर्ण लेकिन नाजुक भागों में से एक हैं। एक समर्पित सुरक्षात्मक स्प्रे, कोयटिंग बीयरिंगों में मदद करेगा । सटीक अनुप्रयोग निर्देशों के लिए अपने चुने हुए उत्पाद के पैकेज को देखें।

  

अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।

Wednesday, 27 September 2017

वॉश बेसिन सिंक/सीवर के पाइप यू-आकार के क्यों होते है? ("Check Out The Reason Behind U-Shaped Pipe Below Wash Basin Sink") !!

"वॉश बेसिन सिंक/सीवर के पाइप यू-आकार के क्यों होते है"

"Check Out The Reason Behind U-Shaped Pipe Below Wash Basin Sink"


वॉश बेसिन सिंक/सीवर के पाइप के मुडे होने के पीछे एक विशेष उद्देश्य होता है। चूंकि पाइप में थोड़ा मोड़ होता है, इसलिये कुछ पानी हमेशा इसके बेंड/मोड में बना रहता है (जैसा कि आप चित्र 2 में देख सकते हैं)। जब आप पानी को नाली मे चलाते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से पानी सीवर पाइप से बाहर निकल जाता है। जब आप नल को बंद करते हैं, तो कुछ पानी पाइप के यू-आकार वाले हिस्से में फंस जाता है, जिससे पानी की सील बन जाती है। पानी पूरी तरह से नीचे के मोड के खाली जगह मे भर जाता है, यह पानी घर के नीचे बनी नाली और ऊपर सिंक के बीच मे एक बाधा के रूप में कार्य करता है।





यह आपके घर या कार्यालय में किसी भी गंदी गंध (सीवर गैस) को बढ़ने से रोक देता है। थोड़ा मोड़ के साथ यह विशेष पाइप पी-जाल (P-trap) के रूप में जाना जाता है। इसके साथ ही यह आपके घर में बीमारी फैलाने वाले सीवर या नाली के कीडो को  भी अन्दर आने से रोकता है।

 Image result for p trap pipe

इसके अलावा, अगर आपने कभी बेसिन सिंक मे अपनी कुछ मूल्यवान बस्तु जैसे, रिंग या घर की चाबी को गिरा देते है, तो आप जानते हैं कि सीधे पाइप मे गिरी हुए वस्तुओं को हमेशा के लिये खो सकते हैं। कई अंगूठीयाॅं  पाइप के मोड से बाहर निकाल ली जाती हैं, जो अक्सर पाइप के मोड मे धुलते समय गिर गयी होती है और पाइप के मोड मे फस जाती है। हालांकि पी-जाल (P-trap) पाइप को लगाने का मुख्य कारण यह नहीं है।


महत्वपूर्ण: यदि आप अपने घर में कुछ सकल गंध महसूस करते हैं, तो आपकी रसोई / शौचालय में खराब पी-जाल (P-trap) पाइप उस गंध का एक कारण हो सकता है।


अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।


Tuesday, 26 September 2017

रेलवे ट्रैक के साथ पत्थर क्यों होते हैं("Why Are There Stones Alongside Railway Tracks"?)



"रेलवे ट्रैक के साथ पत्थर क्यों होते हैं"

"Why Are There Stones Alongside Railway Tracks"

एक ट्रेन में यात्रा करना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है। आपको प्रकृति के आश्चर्यजनक खामियां, विशाल क्षेत्रों, शहर के लोग, गाॅव के खेत या किसी भी जीवन के किसी भी संकेत के बिना भूमि के अंतहीन हिस्सों को देखने के लिए मिलता है। एक और बात यह है कि आप अपनी ट्रेन की यात्रा में लगभग हमेशा उन छोटे पत्थरों को ट्रैक के साथ देखते है, जिस पर आपकी ट्रेन दौड़ती है। क्या आपने कभी सोचा है कि रेलवे ट्रैक के साथ लगभग हमेशा पत्थर क्यों होते हैं?



चलिये शुरू करते है, पत्थर जिन्हें आप रेलवे पटरियों के पास देखते है, उन्हें सामूहिक रूप से ट्रैक गिट्टी कहा जाता है। यह मूल रूप से ट्रैकबीड बनाता है जिस पर रेलवे स्लीपर रखा जाता है। ट्रैक गिट्टी स्लीपरों के बीच, नीचे के क्षेत्रों में और रेलवे पटरियों के किनारे पैक किये जाते है। अब मैं पहले से ही अापके मन में आने वाला प्रश्न समझ सकता हूं कि स्लीपर क्या है?

स्लीपर क्या है?

what’s a sleeper?



एक रेलवे स्लीपर एक आयताकार सपोर्ट होता है जिसे आमतौर पर पटरियों को जोडने लिए बीच मे लंबवत रखा जाता है। स्लीपरों को कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे एक रेल टाई या क्रॉस्स्टी ये आम तौर पर लकड़ी या पूर्व-बलित कंक्रीट से बने होते हैं, हालांकि बाद में इसे अधिक व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। रेलवे स्लीपरों का कार्य है कि रेल को सीधे और उचित स्थान पर बनाये रखा जाए।

 विशेष रूप से यही पत्थर क्यों ?


Why Specifically Those Stones?


  

यह ऐसे पत्थर नहीं है जैसे निर्माण के लिये किसी भी आम पत्थर को इस्तेमाल किया जाता है।ये अलग तरह के पत्थर होते है। अगर ये आम पत्थर होंगे तो यह काम नहीं करेगें उदाहरण के लिए, यदि आप गिट्टी में चिकनी, गोल कंकड़ डालते हैं, तो जब कोई ट्रेन पटरियों पर गुजरती है तो वे रोल या एक दूसरे पर स्लाइड कर सकते हैं; इसलिए, वे अपने मुख्य काम में असफल रहेंगे जो की पटरियों को एकता प्रदान करना हैं। यह तथ्य देखते हुए, आपको एक विशिष्ट प्रकार के पत्थरों की ज़रूरत होती है जो बिल्कुल भी पटरियों के पास एक दूसरे पर स्लाइड ना करे यह सुनिश्चित करने के लिए कि पत्थरों के स्थान पर रहने के लिए, वे गिट्टी में तेज और धार वाले पत्थरों का उपयोग करते हैं।




अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!! और अगर आपका है कोई सबाल या सुझाव तो हमे नीचे कमेंट करें। और अधिक जानकारी के लिये हमारा फेसबुक पेज लाइक करे।

Saturday, 23 September 2017

जानिये भारतीय रेल के जंक्शन, सेंट्रल, टर्मिनल और स्टेशन के बीच में क्या अंतर है!!("Difference Between Junction,Central,Terminal AND Station OF INDIAN RAILWAYS"" )


"भारतीय रेल के जंक्शन, सेंट्रल, टर्मिनल और स्टेशन के बीच में क्या अंतर है"
"DIFFERENCE BETWEEN JUNCTION,CENTRAL,TERMINAL AND STATION OF INDIAN RAILWAYS"

भारतीय रेलवे, जो रेल मंत्रालय के तहत भारत सरकार द्वारा संचालित है, केवल देश में रेल परिवहन के लिए जिम्मेदार है। इसे दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क के रूप में माना जाता है, जिसमें 92,081 किलोमीटर चलने वाला ट्रैक है और इसमें 66,687 किमी की दूरी है। अकेले 2015-16 में भारतीय रेल ने 8.107 अरब यात्रियों को सफर कराया है।



 


यहां लगभग 22 मिलियन यात्री हर दिन सफर करते है। रेल यात्रा आरामदायक बनाने के लिए, देश के विभिन्न हिस्सों में 7216 स्टेशन बनाए गए हैं। स्टेशनों के नामों में अंतर है, जैसे कुछ का नाम जंक्शन है, कुछ टर्मिनस के रूप में और कुछ का नाम सेन्ट्रल है तो क्या आपने कभी सोचा है कि जंक्शन, टर्मिनस, सेन्ट्रल और एक रेलवे स्टेशन के बीच अंतर क्या है?

जवाब यहां दिया गया है


"रेलवे स्टेशनों को मुख्य रूप से 4 प्रकारों में बांटा गया है।"

"Railway stations are mainly differentiated into 4 types."




1. टर्मिनस "Terminus":-
एक स्टेशन टर्मिनस / टर्मिनल के रूप में जाना जाता है जब ट्रेन केवल एक दिशा में स्टेशन के अन्दर आ या जा सकती है। दूसरे शब्दों में, ट्रैक दूसरे दिशा में समाप्त होता है। एक ट्रेन को उसी दिशा में छोड़ना होगा जैसे वह अन्दर आयी थी। टर्मिनस के कुछ उदाहरण हैं: छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी), लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी)।

  


2. सेन्ट्रल "Central":-
एक शहर में सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण सेन्ट्रल स्टेशन है, जिसमें कई स्टेशन हैं यह बड़ी संख्या में आगमन और प्रस्थान के साथ संबंधित है। ये सबसे पुराने स्टेशन हो सकते हैं, इसलिए उन्हें सेन्ट्रल कहा जाता है। यदि एक शहर में कई स्टेशन हैं तो यह एक सेन्ट्रल होना आवश्यक नहीं है भारत में 5 सेन्ट्रल स्टेशन हैं: मुंबई सेंट्रल (बीसीटी), चेन्नई सेंट्रल (एमएएस), त्रिवेंद्रम सेंट्रल (टीवीसी), मैंगलोर सेंट्रल (एमएक्यू), कानपुर सेंट्रल (सीएनबी)।


  


3. जंक्शन "Junction":-
यदि कम से कम 3 अलग-अलग रूट चल रहे हैं और स्टेशन से बाहर जा रहे हैं, तो इसे एक जंक्शन कहा जाता है। सरल शब्दों में, स्टेशन में प्रवेश करने वाली ट्रेनों में स्टेशन छोड़ने के लिए कम से कम 2 अलग-अलग रूट होने चाहिए। जंक्शन के कुछ उदाहरण हैं: मथुरा जंक्शन (7 मार्ग), सेलम जंक्शन (6 मार्ग), विजयवाडा जंक्शन (5 मार्ग), बरेली जंक्शन 5 मार्ग)।

 


4. स्टेशन "station":- एक स्टेशन बस एक जगह है जहां यात्रियों / सामानों के लिए एक गाड़ी रोकी जाती है और सवारी ट्रेन में प्रवेश करती है और प्रस्थान करती है।

  

अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले!!!!

Wednesday, 20 September 2017

टाॅप 10 सुरक्षित ड्राइविंग टिप्स ("Top 10 Safe Driving Tips")

टाॅप 10 सुरक्षित ड्राइविंग टिप्स ("Top 10 Safe Driving Tips")

"टाॅप 10 सुरक्षित ड्राइविंग टिप्स"


"Top 10 Safe Driving Tips"


आज, हम सुरक्षित सड़कों पर सुरक्षित कार चलाते हैं; दशकों के विज्ञापन और सार्वजनिक सूचना अभियान ने हम में से अधिक सुरक्षित ड्राइवर बनाए हैं परिणामस्वरूप, भारत. ने 2008 में दर्ज की गई सबसे कम दुर्घटना मृत्यु दर दर्ज की [स्रोत: एनएचटीएसए] दुर्भाग्यवश, इस प्रगति के बावजूद, राष्ट्रव्यापी दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं की संख्या अब भी काफी चिंताजनक है: 2016 में, भारत में लगभग 6 मिलियन कार दुर्घटनाएं हुईं, जिससे 1,37,000  से अधिक मौतें हुईं। वाहन दुर्घटनाएं इस देश में तीन से 34 साल के बीच के लोगों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण है।


  Image result for 10 safety for driving clipart





1) अपना सेल फ़ोन बंद रखें (Keep Your Cell Phone Off):-मोटर वाहन को संचालित करते समय बात करने या संदेश भेजने के लिए फोन का उपयोग कभी भी स्वीकार्य नहीं होता है। इसके उपयोग करने की बजह से  दुर्घटना भी हो सकती है।

                                                      Image result for don't use phone while driving


2) सतर्क रहें (Stay Alert):- जब आप गाड़ी चला रहे हो, तो अपने कार्यों और आपके आसपास के चालकों के उपर सक्रिय रूप से ध्यान दें।कइ बार उनकी गलती की बजह से भी दुर्घटना हो सकती है।
                                      Image result for be alert be safe

3)धारणाओं से बचें (Avoid Assumptions):-   यह सोचने की गलती न करें कि अन्य ड्राइवर ऐसा करने जा रहे हैं या आपको लगता है कि उन्हें क्या करना चाहिए। हमेशा अपने विवेक से काम लेना चाहिये।

                                                       Image result for Avoid Assumptions

4)संकेतों को चालू करें (Use Turn Signals):-    जब आप ड्राइविंग करते समय दूसरों पर हमेशा निर्भर नहीं कर सकते हैं, तो आप पर भी यही बात लागू होती है। आपको हमेशा यर्थाथवादी होना चाहिये। हमेशा एक लेन बदलने या मुड़ने के पहले अपने  संकेतों का उपयोग करना चाहिये।

                                           Related image

5)पीला रोशनी का पालन करें (Respect Yellow Lights):-    याद रखें कि पीले बत्ती का मतलब ड्राइवरों को धीमा करने और रोकने के लिए तैयार करना है। एक ट्रैफिक सिग्नल पर पीले रंग की बत्ती को लाल रंग की बत्ती के लाल होने से पहले पार करने के एक संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हमे पीली रोशनी का पालन करना चाहिए।
                                                           
                                                     Image result for yellow light

6)गति सीमा मानो (Obey Speed Limits):-
ड्राइविंग करते समय, सभी जगह पर पोस्ट की गई गति सीमा पर चलना महत्वपूर्ण है। वाहन की गति पर लगाए गए प्रतिबंधों को मनमाने ढंग से नहीं तोडा जा सकता है।  वाहन की गति पर लगाए गए प्रतिबंधों को मनमाने ढंग से तोडने पर दुर्घटना होने के कारण बड जाते है। और जुर्माना भी हो सकता है।
                                             Image result for speed limit





7)पी कर ड्राइव मत करो (dont drink and drive) :- 
  लाखों लोग दुनिया भर में ऐसा करते हैं। बहुत से लोग कहते हैं, "क्या नुकसान है, मुझे घर सुरक्षित रूप से मिला और कोई भी चोट नहीं पहुंचा?" सिर्फ इसलिए कि आप सुरक्षित रूप से घर पहुच गये थे इसका मतलब यह नहीं है कि आप सही निर्णय ले रहे हैं। पीने के बाद वाहन चलाने पर आप न सिर्फ अपना जीवन जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि आप उन सभी लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं जो ड्राइविंग करते समय आते हैं।


                                    Image result for Never Drive Under the Influence


8)सीट बेल्ट पहनना हमेशा याद रखें (ALWAYS REMEMBER TO WEAR THE SEAT BELT):- सीट बेल्ट आपकी कार में सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण है एक सीट बेल्ट नगण्य लग सकता है, लेकिन यह आपके जीवन को बचा सकता है। टकराव पर बल और अचानक लगा झटका एक व्यक्ति को घायल कर सकते हैं या यहां तक ​​कि कार से बाहर चालकों को भी फेंक देते हैं अगर वे सीट बेल्ट नहीं पहने हो।

                                                         Image result for wear seat belt

9)उचित वाहन रखरखाव (Proper Vehicle Maintenance):-  यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखें कि आपका ऑटोमोबाइल अच्छा काम करने की हालत में रहता है। इनमें द्रवों को रखने, इंजन रखरखाव करने,  टायरों में हवा भरने, और यह सुनिश्चित करना है कि वाहन की रोशनी हर समय कार्यात्मक होती है।

                                         Image result for Proper Vehicle Maintenance



10) रुके वाहनों  का सम्मान(Respect Stopped Vehicles):- जब सड़क के किनारे पर रुकने वाले वाहनों को पारित किया जाता है, तो मार्ग से बाहर निकलने के लिए आगे बढ़ें, अगर रास्ता साफ हो जाए तो आप लेन बदल सकते हैं। अगर लेन बदलना संभव नहीं है, तो रोका गया वाहनों को पार करते हुए धीमा पड़ें।

                                           Image result for Respect Stopped Vehicles