"क्यों हैचबैक कार में रीयर विन्डो वाइपर होता है लेकिन सेडान कारों में नहीं "
"WHY Hatchbacks Have Rear Window Wiper But Sedans Don't"
रियर वाइपर मूलतः वाहनों की पीछे वाली खिड़की के लिए होते हैं, जो वायु के कारण जमा हुई धूल, गंदगी, बर्फ आदि को साफ करते हैं। पीछे वाली खिड़की पर हवा का प्रवाह और दवाव कम होता है जिसके कारण पीछे की खिड़की के क्षेत्र मे भी कम दबाव बनता है जो की धूल, गंदगी, बर्फ आदि खींचता है और यह गंदगी वाहनों की पीछे वाली खिड़की की सतह पर जमा हो जाती है।
सीडेन, कारें वायु के प्रवाह को ध्यान मे रख के बनायी जाती है।सीडेन, कारों की छते उपर से कार की दोनो साइडों से मुडी हुई होती है जिसे एरोडायनैमिक (Aerodynamics) आकार कहा जाता है। यदि हम इन कारो में एक वाइपर जोड़ते है तो इससे एरोडायनामिक प्रभाव पर अधिक असर पडता है।ये कारे तेज गति से चलने के लिये बनायी जाती है और खींचें जिससे थोड़ा और एरोडायनामिक (Aerodynamics) प्रभाव पर अधिक असर पडने से इनकी गति कम हो सकती है और साथ ही अधिक ईंधन भी इस्तेमाल मे लग सकता है। एक वाइपर को भी एक इलेक्ट्रिक मोटर और एक काफी जटिल तंत्र और लंबी बांह की आवश्यकता होती है, जिससे पूरे ग्लास में वाइपर एक तरफ से दूसरी तरफ स्वीप कर पाता है। और वाइपर को चलाने मे इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिसिटी ईंधन की खपत बडाती है। इसलिये सेडान कारों में वाइपर नही होता है।
एसयूवी / हैचबैक कारो मे पीछे की ओर लगभग ऊर्ध्वाधर खिड़कियां होती हैं, लेकिन एयरफ्लो को निर्देशित करने के लिए ट्रंक नहीं होता है। इन कारो का पिछला हिस्सा सपाट होता है और इनकी छते भी पीछे से सपाट होती है। जिससे उस क्षेत्र में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन जाता है, जब यह कारो की गति बढ़ती है तो, पानी और गंदगी उस क्षेत्र की तरफ खिचे चले आते है और इस प्रकार खिड़की बहुत गंदी हो जाती है।इसलिये एसयूवी / हैचबैक कारों में वाइपर होता है।
यह पूरी तरह से वायुगतिकी/एरोडायनामिक (Aerodynamics) की अवधारणा पर आधारित होता है !!
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