"हाइपरलूप ट्रेन"
"HYPERLOOP TRAIN"
2013 में, आधुनिक आयरन मैन एलोन मस्क ने एक उच्च गति परिवहन प्रणाली के लिए अपनी अवधारणा का खुलासा किया जिसमें उन्होंने कॉनकॉर्ड, एक रेलगाउन, और एक एयर हॉकी मेज के बीच एक क्रॉस के रूप में वर्णित किया। "हाइपरलोप" को डब किया गया, यह फ्यूचरिस्टिक ट्रेन सैद्धांतिक रूप से सुपरसोनिक गति पर यात्रियों को सफर कराने में सक्षम होगी।यह ट्रेन जमीन के ऊपर, विशाल ट्यूब्स के अंदर चलेगी। इस ट्रेन को देख कर ऐैसा लगता है जैसे यहआसमान मे तैर रही हो। लेकिन अभी भी हम इस ट्रेन की प्रगति के मामले मे काफी पीछे है। लेकिन बहुत जल्द यह ट्रेन भारत मे देखने को मिल सकती है।
"7 बाते जिन्हें आप हाइपरलूप ट्रेन के बारे में नहीं जानते होगे"
"7 THINGS YOU DID NOT KNOW ABOUT"HYPERLOOP TRAIN"
1.यह 1200 किलोमीटर प्रति घंटे पर यात्रा करेगी It will travel at 12000 kmph
जैसा कि रेखांकित किया गया है, हाइपरलूप ध्वनि की गति से तेज़ी से यात्रा करने में सक्षम होगी। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, एलए से एसएफ़ तक हाइपरलूप पर यात्रा - (शुरू में मस्क द्वारा प्रस्तावित मार्ग) - छह घंटे की ड्राइव की तुलना में सिर्फ 35 मिनट लगेगा।
3. हाइपरलूप से क्या फायदा होगा ? What is profit of HYPERLOOOP?
दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी एक हजार चार सौ पंद्रह किलोमीटर है। दिल्ली से ट्रेन के जरिए मुंबई जाने में 22 से 24 घंटे लगते हैं, कार से जाने में 22 से 24 घंटे लगते हैं, अगर हवाई जहाज से जाएं तो 2 घंटे 15 मिनट लगते हैं। लेकिन अगर हाइपरलूप ट्रेन में सवार हुए तो महज 40 मिनट में दिल्ली से मुंबई का सफर पूरा होगा।
हाइपरलूप जमीन पर, जमीन के नीचे और जमीन से ऊपर कहीं भी दौड़ाई जा सकती है। हाइपरलूप ट्रेन पटरियों पर नहीं दौड़ती बल्कि हवा में चलती है। इसमें पहिए भी नहीं है। इसके पीछे लैविटेशन का सिद्धांत काम करता है। ट्रेन बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इसमें सफर तेज ही नहीं बल्कि सुरक्षित भी होगा। ये ट्रेन असल में एक कैप्सूल है जो वैक्यूम सुरंगों में दौड़ेगी।
5.हाइपरलूप के अन्दर क्या क्या होगा? What will inside in compartment of HYPERLOOOP?
7.भारत मे हाइपरलूप ट्रेन. "HYPERLOOOP tarin in INDIA"
भारत में जल्द दौड़ेगी ये ‘सुपर’ ट्रेन, 1,223किमी प्रति घंटा होगी रफ्तार। इस ट्रेन में दो ट्यूब होंगे जिसमें हवा बिल्कुल न के बराबर होगी यानि हवा का दवाब शून्य। ट्रेन के आगे लगा पंखा हवा को पीछे धकेलेगा, ठीक इसी तरह एक पंखा ट्रेन के पीछे भी लगा है जो हवा को चारों ओर फैला देगा। इस तरह ट्रेन के नीचे एयर कुशन बन जाएंगे जिससे लैविटेशन पैदा होगा। ट्रेन बिना किसी ऊर्जा के आसानी से हवा में तैर पाएगी और इसी से ट्रेन को हासिल होगी। इस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का एक फायदा ये भी होगा कि हादसों में कमी आएगी। क्योंकि निर्माताओं का दावा है कि हाइपरलूप में हादसे की कोई गुंजाइश नहीं है। अगर निर्माताओं का दावा सही है और भारत में हाइपरलूप दौड़ती है तो आने वाले समय में इंडिया की रफ्तार तो बढ़ेगी ही साथ ही हादसों में कमी भी होगी।
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