"स्पार्क प्लग" या "ग्लो प्लग"
"SPARK PLUG" OR "GLOW PLUG"
डीजल इंजन, पेट्रोल इंजन के विपरीत होते है , पेट्रोल इंजन जो वायु-ईंधन के मिश्रण
(air-fuel mixture) को प्रज्वलित
(ignite) करने के लिए चिंगारी पर निर्भर करते है, वहीं डीजल इंजन उच्च दबावों
(high pressure) के अधीन ईंधन को स्वत: इग्निंशन
(auto-ignition) प्राप्त कर लेते है। उच्च दबाव के तहत, डीजल ईंधन का तापमान
(temperature) उस बिंदु तक बढ़ जाता है जहां ईंधन स्वयं दहन हो जाता है। हालांकि, ठंड के मौसम
(cold weather) में, यह तापमान हमेशा प्राप्त नहीं होता है और ठंड मे इंजन को शुरू करने में सहायता के लिए वायु-ईंधन के मिश्रण को गर्म करके सहायता करता है।
"स्पार्क प्लग" छोटे हीटर की तरह होते हैं जिनका का बुनियादी कार्य सिलेंडर के अंदर का तापमान बढ़ाने के लिए होता है, जिससे कि ईंधन को दहन करने के लिए पर्याप्त गर्मी उत्पन्न हो सके।
"स्पार्क प्लग" या "ग्लो प्लग" कैसे काम करता है
How "SPARK PLUG" OR "GLOW PLUG" works
एक "स्पार्क प्लग"
("SPARK PLUG" ) एक विद्युत अवरोधक
(electrical resistor)होता हैा जब बिजली इसके माध्यम से गुजरती है तो प्रतिरोध
(resistance) गर्मी पैदा करता है जिससे "स्पार्क प्लग" गर्म हो जाता है। एक लाइट बल्ब फिलामेंट
(light bulb filament) उसी तरह काम करता है।
जब इंजन ठंडा हो जाता है, इंजन में धातु संपीड़न के कारण गर्मी को अवशोषित करता है जिससे ईंधन को प्रज्वलित करने के लिए आवश्यक तापमान नही मिलता और अगर ईंधन में प्रज्वलित नहीं होता तो इंजन नहीं चलेगा। "स्पार्क प्लग" ईंधन में प्रज्वलित होने के लिये आवश्यक तापमान तक पहुचाता है। "स्पार्क प्लग" एक विद्युत अवरोधक होने के कारण चिंगारी उतपन्न करता है जो ईंधन में प्रज्वलित होने के लिये आवश्यक तापमान तक पहुचाता है।
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