Tuesday 12 September 2017

"डीटीएसआई 4 - वाल्व टेक्नोलॉजी क्या है"? ""What is DTSi 4 - VALVE TECHNOLOGY"

"डीटीएसआई 4 - वाल्व टेक्नोलॉजी"
"DTSi 4 - VALVE TECHNOLOGY"


पल्सर 135 एलएस (Pulsar 135 LS) को विश्व की पहली डीटीएसआई 4 वाल्व (DTSi 4 -VALVE) इंजन से   समकक्ष  क्षमता (equivalent) 2 वाल्व इंजन की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस इंजन में 1 सेवन और 1 निकास वाल्व (1 intake & 1 Exhaust valves) इंजन  की तुलना मे 2 सेवन और 2 निकास वाल्व (2 intake & 2 Exhaust valves) इंजन मे होते है। ये वाल्व 2 वाल्व इंजन की तुलना में छोटे और हल्के वजन के होते हैं। 4 वाल्व (2 सेवन और 2 निकास वाल्व) इंजन के ईंधन के सेवन और  निकास प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए पेश किया गया है।

  

एक टिपिकल 2 वाल्व इंजिन में वाल्व के कवर वाले क्षेत्र में केवल 1/3 ईंधन दहन कक्ष (combustion chamber) होता है, लेकिन एक 4 वाल्व इंजिन में 50% से अधिक तक क्षेत्र (area) बढ़ जाता है

इस क्षेत्र वृद्धि के कारण सेवन और निकास वाल्व के लिए अग्रणी मार्ग के  क्षेत्र मे भी वृद्धि हो जाती है। इससे अधिक मात्रा में प्रभार (charge) (वायु-ईंधन मिश्रण) (air-fuel mixture) को इंजन के अंदर आने की सुविधा मिलती है और दहन कक्ष के अंदर से सभी जली हुयी गैसों को निकालने में तेजी होती है या तेजी से बाहर निकल जाती है, इससे कुशल दहन सुनिश्चित होता है।

इसके परिणामस्वरूप इंजन की प्रदर्शन-शक्ति (performance-power), थ्रॉटल प्रतिक्रिया (throttle response) बढ़ जाती है, सभी इंजन की गति बढ़ती जाती है। 4 वाल्व इंजन को हल्के स्पोर्ट्स बाइक मे अच्छे प्रदर्शन का आनंद लेने के लिए लगाया जाता है। इससे सवारी को आसानी से बहुत अधिक आरपीएम तक बढ़ाया जा सकता है।



Image result for fb page like
Share This
Previous Post
Next Post

This is a place where you can learn about Engineering like MECHANICAL ENGG. AUTOMOBILE ENGG. ELECTRICAL ENGG. ETC. in most popular INDIAN language which is known as HINDI. Keep Reading, Keep Learning...

0 comments: